पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग सितं. 15
“यीशु मसीह के बारे में सारी दुनिया के लोगों ने सुना है। कुछ लोग कहते हैं कि वह बस एक महान आदमी था। दूसरे उसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर मानकर पूजते हैं। आप क्या सोचते हैं, यीशु मसीह कौन था? [जवाब के लिए रुकिए।] यह पत्रिका समझाती है कि यीशु मसीह असल में कौन था, वह कहाँ से आया था और आज कहाँ है।” यूहन्ना 17:3 पढ़िए।
सजग होइए! जुला.–सितं.
“क्या आपको लगता है कि बड़ा आदमी बनने का ख्वाब देखना गलत है? [जवाब के लिए रुकिए।] बहुत-से लोग सोचते हैं कि इसमें कोई गलत बात नहीं है, मगर बाइबल हमें बड़ा आदमी बनने के ख्वाब देखने के लिए नहीं उकसाती। इसके बजाय यह हमें नम्र बनने का बढ़ावा देती है। [याकूब 4:6 पढ़िए, उसके बाद पेज 16 पर दिए लेख की तरफ ध्यान दिलाइए।] यह लेख बताता है कि बड़ा आदमी बनने के ख्वाब देखने के बारे में बाइबल का दृष्टिकोण क्या है और हमें इसे किस नज़र से देखना चाहिए।”
प्रहरीदुर्ग अक्टू. 1
जिल्द पर दिया सवाल पढ़िए। इसके बाद पूछिए: “क्या आप जानते हैं कि यहाँ किस चिन्ह की बात की गयी है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर मत्ती 24:3 पढ़िए।] प्रहरीदुर्ग के इस अंक में उस चिन्ह के पाँच अहम पहलुओं के बारे में चर्चा की गयी है और समझाया गया है कि इस चिन्ह को पहचानना हमारे लिए क्यों ज़रूरी है।” पेज 6 पर दिया बक्स दिखाइए।
सजग होइए! अक्टू.–दिसं.
“कई लोगों के पास रहने के लिए ढंग का घर नहीं है। क्या आपको लगता है कि ऐसा वक्त कभी आएगा जब हर किसी के पास रहने के लिए अच्छा घर होगा? [जवाब के लिए रुकिए।] सजग होइए! रहने के लिए घरों की किल्लत के बारे में एक रिपोर्ट पेश करती है। इसमें यह भी बताया गया है कि हम परमेश्वर के इस वादे पर क्यों भरोसा रख सकते हैं।” यशायाह 65:21, 22 पढ़िए।