नया खास सम्मेलन दिन कार्यक्रम
पहली सदी के मसीही, पवित्र आत्मा से भरकर इस कदर जोश में आ गए कि उन्होंने दूर-दूर तक सुसमाचार का ऐलान करने में जी-जान लगा दिया। (प्रेरि. 1:8; कुलु. 1:23) सन् 2007 के सेवा साल में खास सम्मेलन दिन के कार्यक्रम का विषय है, ‘वचन सुनाने की धुन में लगे रहिए।’ (प्रेरि. 18:5) यह कार्यक्रम हमें पहली सदी के मसीहियों की बेहतरीन मिसाल पर चलने में मदद देगा।
परमेश्वर के वचन के बारे में राजा दाऊद ने कहा: “यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं।” (भज. 19:7) सन् 2007 के खास सम्मेलन दिन के लिए जो कार्यक्रम सोच-समझकर तैयार किया गया है, उसमें यह बताया जाएगा कि मामलों को “सुधारने” में परमेश्वर का वचन, बाइबल कितनी मददगार है। इतना ही नहीं, यह कार्यक्रम हमें वक्त की नज़ाकत को ध्यान में रखकर प्रचार और सिखाने के काम में बाइबल का इस्तेमाल करने का बढ़ावा देगा। (2 तीमु. 3:16,17) यह नया कार्यक्रम समझाएगा कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बाइबल के सिद्धांतों को लागू करने से, हमें कैसे फायदा होता है और हम खतरों से कैसे बच सकते हैं। इसके अलावा, यह बताएगा कि हम कैसे परमेश्वर के वचन के ज़रिए जवानों और नए लोगों को आध्यात्मिक तरक्की करने में मदद दे सकते हैं।
कार्यक्रम की शुरूआत से हाज़िर रहने और ध्यान से सुनने का खयाल रखिए। उन मुद्दों को लिख लें जिन्हें आप निजी ज़िंदगी में लागू करना चाहेंगे। ध्यान लगाकर सुनने से आप, दी जानेवाली हिदायतों और चितौनियों के लिए अपनी कदर दिखाएँगे। इसके अलावा, सीखी हुई बातों को आप कैसे अमल में लाएँगे, इस पर भी मनन कीजिए।
खास सम्मेलन दिन कार्यक्रम, परमेश्वर के वचन के लिए हमारी कदर बढ़ाएगा और याद दिलाएगा कि हमें जोश के साथ राज्य की खुशखबरी सुनाते रहना है और दूसरों को भी ऐसा करने में मदद देना है। इसलिए ठान लीजिए कि इस सम्मेलन के ज़रिए यहोवा जो निर्देशन और हिदायतें देनेवाला है, उसे सुनने के लिए आप ज़रूर हाज़िर रहेंगे!—यशा. 30:20ख,21.