पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग अप्रै. 1
“हाल के सालों में लोग, स्वर्गदूतों में बहुत दिलचस्पी लेने लगे हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि स्वर्गदूत कौन हैं और वे हमारी ज़िंदगियों पर कैसा असर करते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। फिर भजन 34:7 पढ़िए।] यह पत्रिका, बाइबल से समझाती है कि स्वर्गदूतों ने गुज़रे कल में क्या काम किए, वे आज क्या कर रहे हैं और भविष्य में क्या करनेवाले हैं।” पेज 12 से शुरू होनेवाला लेख दिखाइए।
सजग होइए! अप्रै.-जून
“चिकित्सा विज्ञान ने बीमारियों से लड़ने में कमाल की तरक्की की है। लेकिन क्या आपको लगता है कि हम कभी ऐसी दुनिया देख पाएँगे जहाँ एक भी बीमारी नहीं रहेगी? [जवाब के लिए रुकिए।] यह पत्रिका समझाती है कि एक दिन, धरती पर सभी इंसान इस वादे के मुताबिक पूरी तरह से तंदुरुस्त हो जाएँगे।” यशायाह 33:24 पढ़िए।
प्रहरीदुर्ग मई 1
“क्रूरता के काम करना, आज बहुत आम होता जा रहा है। [इलाके की एक मिसाल दीजिए या फिर पत्रिका में से एक मिसाल बताइए।] क्या आपने कभी सोचा है कि लोग इतने बेरहम क्यों होते जा रहे हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] बाइबल में भविष्यवाणी की गयी थी कि क्रूरता के काम बढ़ जाएँगे। [2 तीमुथियुस 3:1-5 पढ़िए।] यह पत्रिका इस सवाल का जवाब देती है, ‘क्या बेरहमी का कभी अंत होगा?’”
सजग होइए! अप्रै.-जून
“लोग अकसर कहते हैं कि नम्रता एक खूबी नहीं बल्कि कमज़ोरी है। क्या आप भी यही मानते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। फिर नीतिवचन 22:4 पढ़िए।] इस पत्रिका में बताया गया है कि बाइबल, नम्रता के गुण के बारे में क्या कहती है।” पेज 20 से शुरू होनेवाला लेख दिखाइए।