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  • 1 तीमुथियुस 2
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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1 तीमुथियुस का सारांश

      • सब किस्म के लोगों के लिए प्रार्थना (1-7)

        • एक परमेश्‍वर, एक बिचवई (5)

        • सबकी खातिर फिरौती का बराबर दाम (6)

      • आदमी और औरत के लिए हिदायतें (8-15)

        • पहनावे में मर्यादा हो (9, 10)

1 तीमुथियुस 2:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1996, पेज 20

1 तीमुथियुस 2:2

फुटनोट

  • *

    या “अधिकार का पद।”

संबंधित आयतें

  • +मत 5:44
  • +यिर्म 29:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2020, पेज 15

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1996, पेज 20

    9/1/1993, पेज 27

    6/1/1991, पेज 12

    राज-सेवा,

    12/1990, पेज 12

1 तीमुथियुस 2:3

संबंधित आयतें

  • +यहू 25

1 तीमुथियुस 2:4

संबंधित आयतें

  • +यश 45:22; प्रेष 17:30; रोम 5:18; 1ती 4:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 47

1 तीमुथियुस 2:5

संबंधित आयतें

  • +व्य 6:4; रोम 3:30
  • +1कुर 11:25
  • +इब्र 8:6; 9:15
  • +प्रेष 4:12; रोम 5:15; 2ती 1:9, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 27

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 13-14

    12/1/1989, पेज 30

    8/1/1986, पेज 20-21

1 तीमुथियुस 2:6

फुटनोट

  • *

    या “सब किस्म के लोगों की।”

संबंधित आयतें

  • +मत 20:28; मर 10:45; कुल 1:13, 14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 104

    यहोवा के करीब, पेज 142-143

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 27

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2011, पेज 13

    4/15/1999, पेज 12

    7/15/1997, पेज 6-7

    8/1/1986, पेज 20-21

    त्रियेक, पेज 15

1 तीमुथियुस 2:7

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 9:15
  • +गल 2:7, 8
  • +गल 1:15, 16

1 तीमुथियुस 2:8

संबंधित आयतें

  • +भज 141:2
  • +याकू 1:20
  • +फिल 2:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2002, पेज 19

    2/1/1993, पेज 30

1 तीमुथियुस 2:9

फुटनोट

  • *

    या “समझ-बूझ से; समझदारी से काम लेते हुए।”

  • *

    या “आदर के योग्य।”

संबंधित आयतें

  • +1पत 3:3, 4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2023, पेज 20

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 52

    प्रहरीदुर्ग, 2/15/1996, पेज 31

    प्यार के लायक, पेज 65-66

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2016, पेज 16-17

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2009, पेज 21

    5/1/2005, पेज 29

    12/1/2003, पेज 22

    8/1/2002, पेज 17-18

    11/1/1992, पेज 23

    2/1/1992, पेज 30

    11/1/1989, पेज 17-18

    7/1/1988, पेज 6

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 65-66

    यहोवा की मरज़ी, पाठ 8

    सजग होइए!,

    9/8/1998, पेज 24

    सेवा स्कूल, पेज 131-132

    राज-सेवा,

    9/1996, पेज 4-5

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 94-95

1 तीमुथियुस 2:10

संबंधित आयतें

  • +नीत 31:30

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 52

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2016, पेज 16-17

    यहोवा की मरज़ी, पाठ 8

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2005, पेज 29

    12/1/2003, पेज 22

    8/1/2002, पेज 17-18

    सेवा स्कूल, पेज 131-132

1 तीमुथियुस 2:11

फुटनोट

  • *

    या “चुप।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 5:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए!,

    7/8/1994, पेज 29

1 तीमुथियुस 2:12

फुटनोट

  • *

    या “चुप।”

संबंधित आयतें

  • +1कुर 14:34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए!,

    7/8/1994, पेज 28-29

1 तीमुथियुस 2:13

संबंधित आयतें

  • +उत 2:18, 22; 1कुर 11:8

1 तीमुथियुस 2:14

संबंधित आयतें

  • +उत 3:6, 13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2020, पेज 4

    सजग होइए!,

    10/8/1998, पेज 22

1 तीमुथियुस 2:15

फुटनोट

  • *

    शा., “वे।”

  • *

    या “समझ-बूझ से; समझदारी से काम ले।”

संबंधित आयतें

  • +1ती 5:14
  • +1ती 2:9, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2017, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2008, पेज 30-31

    5/1/2005, पेज 29

    3/1/1991, पेज 27

    3/1/1989, पेज 23-24

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 तीमु. 2:2मत 5:44
1 तीमु. 2:2यिर्म 29:7
1 तीमु. 2:3यहू 25
1 तीमु. 2:4यश 45:22; प्रेष 17:30; रोम 5:18; 1ती 4:10
1 तीमु. 2:5व्य 6:4; रोम 3:30
1 तीमु. 2:51कुर 11:25
1 तीमु. 2:5इब्र 8:6; 9:15
1 तीमु. 2:5प्रेष 4:12; रोम 5:15; 2ती 1:9, 10
1 तीमु. 2:6मत 20:28; मर 10:45; कुल 1:13, 14
1 तीमु. 2:7प्रेष 9:15
1 तीमु. 2:7गल 2:7, 8
1 तीमु. 2:7गल 1:15, 16
1 तीमु. 2:8भज 141:2
1 तीमु. 2:8याकू 1:20
1 तीमु. 2:8फिल 2:14
1 तीमु. 2:91पत 3:3, 4
1 तीमु. 2:10नीत 31:30
1 तीमु. 2:11इफ 5:24
1 तीमु. 2:121कुर 14:34
1 तीमु. 2:13उत 2:18, 22; 1कुर 11:8
1 तीमु. 2:14उत 3:6, 13
1 तीमु. 2:151ती 5:14
1 तीमु. 2:151ती 2:9, 10
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
1 तीमुथियुस 2:1-15

तीमुथियुस के नाम पहली चिट्ठी

2 इसलिए सबसे पहले मैं तुमसे गुज़ारिश करता हूँ कि सब किस्म के लोगों के लिए मिन्‍नतें, प्रार्थनाएँ, बिनतियाँ और धन्यवाद की प्रार्थनाएँ की जाएँ। 2 राजाओं और उन सभी के लिए जो ऊँची पदवी* रखते हैं,+ प्रार्थनाएँ की जाएँ ताकि हम पूरी गंभीरता से और परमेश्‍वर की भक्‍ति करते हुए चैन की ज़िंदगी जीएँ।+ 3 यह बात हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर की नज़र में अच्छी है और उसे मंज़ूर है।+ 4 उसकी यही मरज़ी है कि सब किस्म के लोगों का उद्धार हो+ और वे सच्चाई का सही ज्ञान पाएँ। 5 परमेश्‍वर एक है+ और परमेश्‍वर और इंसानों के बीच+ एक ही बिचवई है+ यानी एक इंसान, मसीह यीशु+ 6 जिसने सबकी* खातिर फिरौती का बराबर दाम चुकाने के लिए खुद को दे दिया।+ और इस बात की गवाही सही वक्‍त पर ज़रूर दी जाएगी। 7 यही गवाही देने के लिए+ मुझे एक प्रचारक और प्रेषित ठहराया गया।+ मैं सच कह रहा हूँ, मैं झूठ नहीं बोलता, मुझे विश्‍वास और सच्चाई के बारे में गैर-यहूदियों का शिक्षक ठहराया गया है।+

8 इसलिए मैं चाहता हूँ कि हर जगह आदमी वफादार रहकर हाथ ऊपर किए प्रार्थना में लगे रहें+ और न क्रोध करें+ न बहस करें।+ 9 उसी तरह औरतों को चाहिए कि वे मर्यादा के साथ और सही सोच रखते हुए* सलीकेदार* कपड़ों से अपना सिंगार करें, न कि खास तरीकों से बाल गूँथकर या सोने, मोती या महँगे-महँगे कपड़े पहनकर।+ 10 वे भले कामों से अपना सिंगार करें क्योंकि परमेश्‍वर की भक्‍ति करने का दावा करनेवाली औरतों को यही शोभा देता है।+

11 एक औरत पूरी अधीनता दिखाते हुए शांत* रहकर सीखे।+ 12 मैं औरत को सिखाने या आदमी पर अधिकार चलाने की इजाज़त नहीं देता, इसके बजाय उसे शांत* रहना चाहिए।+ 13 इसलिए कि आदम पहले बनाया गया था, उसके बाद हव्वा बनायी गयी थी।+ 14 और आदम बहकाया नहीं गया था, बल्कि औरत पूरी तरह से बहकावे में आ गयी+ और गुनहगार बन गयी। 15 मगर एक औरत बच्चों को जन्म देने से सुरक्षित रहेगी+ बशर्ते वह* अपना विश्‍वास, प्यार, पवित्रता, साथ ही सही सोच बनाए रखे।*+

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