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  • 1 थिस्सलुनीकियों 5
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1 थिस्सलुनीकियों का सारांश

      • यहोवा का दिन आ रहा है (1-5)

        • “शांति और सुरक्षा है!” (3)

      • जागते रहो, होश-हवास बनाए रखो (6-11)

      • सलाह (12-24)

      • आखिर में नमस्कार (25-28)

1 थिस्सलुनीकियों 5:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 22

1 थिस्सलुनीकियों 5:2

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +सप 1:14
  • +मत 24:36; 2पत 3:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 8-9

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2019, पेज 8-9

    9/2019, पेज 9

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 222

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2012, पेज 3-4

    7/15/2010, पेज 5

    5/15/2008, पेज 15

    3/1/1990, पेज 6

    4/1/1987, पेज 22-23, 24-25

1 थिस्सलुनीकियों 5:3

संबंधित आयतें

  • +भज 37:10; यिर्म 8:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2023, पेज 21

    6/2023, पेज 9, 13

    2/2023, पेज 16

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2019, पेज 8-9

    9/2019, पेज 9

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 222-223

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2013, पेज 12-13

    1/1/2013, पेज 7

    9/15/2012, पेज 3-5

    7/15/2010, पेज 5

    5/15/2008, पेज 15

    2/1/2004, पेज 20-21

    6/1/1997, पेज 9-10

    4/15/1995, पेज 25

    8/1/1994, पेज 6

    3/1/1990, पेज 6

    10/1/1987, पेज 17-19

    4/1/1987, पेज 23-25

    सजग होइए!,

    7/2008, पेज 7

    पेज 32

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 182

    परवाह, पेज 21

    जीवन का उद्देश्‍य, पेज 28

1 थिस्सलुनीकियों 5:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 9

1 थिस्सलुनीकियों 5:5

संबंधित आयतें

  • +यूह 12:36; रोम 13:12; इफ 5:8
  • +यूह 8:12; कुल 1:13; 1पत 2:9

1 थिस्सलुनीकियों 5:6

संबंधित आयतें

  • +रोम 13:11
  • +मत 24:42
  • +1पत 5:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2019, पेज 9

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2012, पेज 10-11

    1/1/2003, पेज 11

1 थिस्सलुनीकियों 5:7

संबंधित आयतें

  • +रोम 13:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 10

1 थिस्सलुनीकियों 5:8

संबंधित आयतें

  • +इफ 6:14-17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 10-12

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2022, पेज 25-26

    प्यार के लायक, पेज 232

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 232

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2013, पेज 11

    12/15/2008, पेज 6-7

    10/1/2006, पेज 30

    1/1/2003, पेज 20-22

    6/1/2000, पेज 9-10

    2/1/1991, पेज 31

    सजग होइए!: हमें उम्मीद कहाँ से मिल सकती है?,

1 थिस्सलुनीकियों 5:9

संबंधित आयतें

  • +2थि 2:13

1 थिस्सलुनीकियों 5:10

संबंधित आयतें

  • +रोम 5:8
  • +1थि 4:16, 17

1 थिस्सलुनीकियों 5:11

फुटनोट

  • *

    या “को दिलासा देते।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 1:11, 12; 15:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2022, पेज 20-25

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 48

    राज-सेवा,

    9/2005, पेज 7

1 थिस्सलुनीकियों 5:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2011, पेज 24-28

    6/1/1999, पेज 18

    12/1/1989, पेज 19-20

1 थिस्सलुनीकियों 5:13

संबंधित आयतें

  • +फिल 2:29, 30; 1ती 5:17; इब्र 13:7
  • +मर 9:50; 2कुर 13:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1999, पेज 18-19

    12/1/1989, पेज 19-20

1 थिस्सलुनीकियों 5:14

फुटनोट

  • *

    या “समझाओ।”

  • *

    या “निराश।”

संबंधित आयतें

  • +लैव 19:17; 2ती 4:2
  • +1कुर 13:4; गल 5:22; इफ 4:1, 2; कुल 3:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2023 पेज 14-15

    यहोवा के करीब, पेज 102-103, 166-167

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2017, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2015, पेज 9

    8/15/2013, पेज 22

    6/15/2010, पेज 12-13

    5/1/2004, पेज 21

    11/1/2001, पेज 17-18

    10/1/1995, पेज 15-16

    सजग होइए!,

    1/2014, पेज 14

    10/2009, पेज 7-9

    पारिवारिक सुख, पेज 36-37

1 थिस्सलुनीकियों 5:15

संबंधित आयतें

  • +मत 5:39
  • +रोम 12:17, 19

1 थिस्सलुनीकियों 5:16

संबंधित आयतें

  • +2कुर 6:4, 10; फिल 4:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1992, पेज 16-18

1 थिस्सलुनीकियों 5:17

संबंधित आयतें

  • +लूक 18:1; रोम 12:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग: प्रार्थना के बारे में 7 सवाल,

    9/15/2003, पेज 15-20

    9/1/1991, पेज 17

1 थिस्सलुनीकियों 5:18

संबंधित आयतें

  • +इफ 5:20; कुल 3:17

1 थिस्सलुनीकियों 5:19

फुटनोट

  • *

    शा., “पवित्र शक्‍ति की आग मत बुझाओ।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 4:30

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 12-13

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2000, पेज 10

1 थिस्सलुनीकियों 5:20

संबंधित आयतें

  • +1कुर 14:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 12-13

1 थिस्सलुनीकियों 5:21

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 13

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/1996, पेज 17

1 थिस्सलुनीकियों 5:22

संबंधित आयतें

  • +अय 2:3

1 थिस्सलुनीकियों 5:23

फुटनोट

  • *

    शब्दावली में “जीवन” देखें।

संबंधित आयतें

  • +1कुर 1:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2008, पेज 29

1 थिस्सलुनीकियों 5:25

संबंधित आयतें

  • +रोम 15:30

1 थिस्सलुनीकियों 5:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 5/2019, पेज 5

1 थिस्सलुनीकियों 5:27

संबंधित आयतें

  • +कुल 4:16

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

1 थिस्स. 5:2सप 1:14
1 थिस्स. 5:2मत 24:36; 2पत 3:10
1 थिस्स. 5:3भज 37:10; यिर्म 8:11
1 थिस्स. 5:5यूह 12:36; रोम 13:12; इफ 5:8
1 थिस्स. 5:5यूह 8:12; कुल 1:13; 1पत 2:9
1 थिस्स. 5:6रोम 13:11
1 थिस्स. 5:6मत 24:42
1 थिस्स. 5:61पत 5:8
1 थिस्स. 5:7रोम 13:13
1 थिस्स. 5:8इफ 6:14-17
1 थिस्स. 5:92थि 2:13
1 थिस्स. 5:10रोम 5:8
1 थिस्स. 5:101थि 4:16, 17
1 थिस्स. 5:11रोम 1:11, 12; 15:2
1 थिस्स. 5:13फिल 2:29, 30; 1ती 5:17; इब्र 13:7
1 थिस्स. 5:13मर 9:50; 2कुर 13:11
1 थिस्स. 5:14लैव 19:17; 2ती 4:2
1 थिस्स. 5:141कुर 13:4; गल 5:22; इफ 4:1, 2; कुल 3:13
1 थिस्स. 5:15मत 5:39
1 थिस्स. 5:15रोम 12:17, 19
1 थिस्स. 5:162कुर 6:4, 10; फिल 4:4
1 थिस्स. 5:17लूक 18:1; रोम 12:12
1 थिस्स. 5:18इफ 5:20; कुल 3:17
1 थिस्स. 5:19इफ 4:30
1 थिस्स. 5:201कुर 14:1
1 थिस्स. 5:211यूह 4:1
1 थिस्स. 5:22अय 2:3
1 थिस्स. 5:231कुर 1:8
1 थिस्स. 5:25रोम 15:30
1 थिस्स. 5:27कुल 4:16
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
1 थिस्सलुनीकियों 5:1-28

थिस्सलुनीकियों के नाम पहली चिट्ठी

5 भाइयो, ये बातें कब होंगी, हमें इनके समय और दौर के बारे में तुम्हें कुछ लिखने की ज़रूरत नहीं। 2 इसलिए कि तुम खुद अच्छी तरह जानते हो कि यहोवा* का दिन+ ठीक वैसे ही आ रहा है जैसे रात को चोर आता है।+ 3 जब लोग कहते होंगे, “शांति और सुरक्षा है!” तब उसी वक्‍त अचानक उन पर विनाश आ पड़ेगा,+ जैसे एक गर्भवती औरत को अचानक प्रसव-पीड़ा उठने लगती है और वे किसी भी हाल में नहीं बच पाएँगे। 4 मगर भाइयो, तुम अंधकार में नहीं हो कि वह दिन तुम पर ऐसे आ पड़े, जैसे दिन का उजाला चोरों पर आ पड़ता है। 5 इसलिए कि तुम सब रौशनी के बेटे और दिन के बेटे हो।+ हम न तो रात के हैं न ही अंधकार के।+

6 तो फिर आओ हम बाकियों की तरह न सोएँ,+ बल्कि जागते रहें+ और होश-हवास बनाए रखें।+ 7 जो सोते हैं, वे रात को सोते हैं और जो पीकर धुत्त होते हैं वे रात के वक्‍त धुत्त होते हैं।+ 8 मगर हम जो दिन के हैं, आओ हम अपने होश-हवास बनाए रखें और विश्‍वास और प्यार का कवच और उद्धार की आशा का टोप पहने रहें।+ 9 क्योंकि परमेश्‍वर ने हमें उसका क्रोध झेलने के लिए नहीं बल्कि हमारे प्रभु यीशु मसीह के ज़रिए उद्धार पाने के लिए चुना है।+ 10 मसीह हमारे लिए मरा+ ताकि हम चाहे ज़िंदा हों या मौत की नींद सो जाएँ, हम उसके साथ जीएँ।+ 11 इसलिए एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते* रहो और एक-दूसरे को मज़बूत करते रहो,+ ठीक जैसा तुम कर भी रहे हो।

12 भाइयो, अब हम तुमसे गुज़ारिश करते हैं कि तुम्हारे बीच जो कड़ी मेहनत करते हैं और प्रभु में तुम्हारी अगुवाई करते हैं और तुम्हें समझाते-बुझाते हैं, उनका आदर करो। 13 और उनके काम की वजह से प्यार से उनकी बहुत कदर करो।+ एक-दूसरे के साथ शांति कायम करनेवाले बनो।+ 14 और भाइयो, हम तुम्हें बढ़ावा देते हैं कि जो मनमानी करते हैं उन्हें चेतावनी दो,*+ जो मायूस* हैं उन्हें अपनी बातों से तसल्ली दो, कमज़ोरों को सहारा दो और सबके साथ सब्र से पेश आओ।+ 15 इस बात का ध्यान रखो कि कोई किसी की बुराई का बदला बुराई से न दे,+ मगर तुम हमेशा एक-दूसरे की और बाकी सबकी भलाई करने में लगे रहो।+

16 हमेशा खुश रहो।+ 17 लगातार प्रार्थना करते रहो।+ 18 हर बात के लिए धन्यवाद दो।+ मसीह यीशु में तुम्हारे लिए परमेश्‍वर की यही मरज़ी है। 19 पवित्र शक्‍ति के ज़बरदस्त असर में रुकावट न डालो।*+ 20 भविष्यवाणियों को तुच्छ न समझो।+ 21 सब बातों को परखो,+ जो बढ़िया है उसे थामे रहो। 22 हर तरह की दुष्टता से दूर रहो।+

23 मेरी दुआ है कि शांति का परमेश्‍वर तुम्हें पूरी तरह पवित्र करे। तुम भाइयों का मन, जान* और शरीर हमारे प्रभु यीशु मसीह की मौजूदगी के दौरान हर तरह से निर्दोष बना रहे।+ 24 जिसने तुम्हें बुलाया है वह विश्‍वासयोग्य है और वह ज़रूर ऐसा करेगा।

25 भाइयो, हमारे लिए प्रार्थना करते रहो।+

26 पवित्र चुंबन से सब भाइयों को नमस्कार करो।

27 मैं प्रभु के नाम से तुम पर यह ज़िम्मेदारी डालता हूँ कि यह चिट्ठी सब भाइयों को पढ़कर सुनायी जाए।+

28 हमारे प्रभु यीशु मसीह की महा-कृपा तुम पर होती रहे।

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