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  • 1 कुरिंथियों 15
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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1 कुरिंथियों का सारांश

      • मसीह ज़िंदा किया गया (1-11)

      • मरे हुओं के ज़िंदा होने की शिक्षा विश्‍वास की बुनियाद (12-19)

      • मसीह का ज़िंदा होना यकीन दिलाता है (20-34)

      • हाड़-माँस का शरीर, अदृश्‍य शरीर (35-49)

      • अमरता और अनश्‍वरता (50-57)

      • प्रभु की सेवा में हमेशा बहुत काम (58)

1 कुरिंथियों 15:1

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 18:1, 11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 14-15

1 कुरिंथियों 15:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 14-15

1 कुरिंथियों 15:3

संबंधित आयतें

  • +भज 22:15; यश 53:8, 12; दान 9:26; 1पत 2:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 3

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 14-15

1 कुरिंथियों 15:4

संबंधित आयतें

  • +यश 53:9; मत 27:59, 60
  • +भज 16:10
  • +यो 1:17; लूक 24:46
  • +मत 28:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 3

1 कुरिंथियों 15:5

फुटनोट

  • *

    पतरस भी कहलाता था।

संबंधित आयतें

  • +मत 10:2; लूक 24:33, 34; यूह 20:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 3

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 11/2018, पेज 5-6

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2010, पेज 25

    7/1/1998, पेज 14-15

    1/1/1989, पेज 32

    विश्‍वास की मिसाल, पेज 202

1 कुरिंथियों 15:6

संबंधित आयतें

  • +मत 28:16, 17

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  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 94

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 3

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2019, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2015, पेज 26

    7/1/1998, पेज 14-15

    10/1/1995, पेज 14

    यीशु—राह, पेज 310

1 कुरिंथियों 15:7

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 12:17
  • +प्रेष 1:3, 6

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  • खोजबीन गाइड

    प्यार, पाठ 8

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2022, पेज 9-10

    गवाही दो, पेज 112

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 3

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2014, पेज 4-5

    7/1/1998, पेज 14-16

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (1थिस्स-प्रका), पेज 16

1 कुरिंथियों 15:8

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 9:3-5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2022, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 3-5

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2000, पेज 29

    7/1/1998, पेज 14-16

1 कुरिंथियों 15:9

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 8:3; गल 1:13

1 कुरिंथियों 15:10

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2013, पेज 23-24

    8/1/2000, पेज 14

1 कुरिंथियों 15:12

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 4:2; 17:31

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 5

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 14, 16-17

    8/15/1997, पेज 12

    8/1/1993, पेज 15

    9/1/1990, पेज 29

1 कुरिंथियों 15:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/1997, पेज 12

1 कुरिंथियों 15:15

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 3:15
  • +प्रेष 2:24; 4:10; 13:30, 31

1 कुरिंथियों 15:17

संबंधित आयतें

  • +रोम 4:25; इब्र 7:25

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 16-17

1 कुरिंथियों 15:18

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 7:59; 1कुर 15:14; 1पत 1:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 5-6

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 16-17

1 कुरिंथियों 15:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 16-17

1 कुरिंथियों 15:20

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 26:23; कुल 1:18

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 5-6

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    1/2021, पेज 6

    7/15/2000, पेज 13-14

    7/1/1998, पेज 17

    3/1/1998, पेज 13

    6/1/1987, पेज 19

1 कुरिंथियों 15:21

संबंधित आयतें

  • +उत 3:17, 19
  • +यूह 11:25

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 5

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 17

1 कुरिंथियों 15:22

संबंधित आयतें

  • +रोम 5:12
  • +रोम 5:17; 6:23

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 5-6, 30

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 2 2017, पेज 5-6

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 17

1 कुरिंथियों 15:23

संबंधित आयतें

  • +प्रक 1:5
  • +मत 24:3; 1थि 4:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 11-12

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    1/2021, पेज 6

    7/15/2000, पेज 13-14

    7/1/1998, पेज 17, 22-24

    4/1/1987, पेज 19-20

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 172-173

1 कुरिंथियों 15:24

संबंधित आयतें

  • +दान 2:44

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 5-6

    शुद्ध उपासना, पेज 229-230

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 189

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2000, पेज 20

    7/1/1998, पेज 21

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 182

1 कुरिंथियों 15:25

संबंधित आयतें

  • +भज 110:1, 2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 19

1 कुरिंथियों 15:26

संबंधित आयतें

  • +प्रक 20:14

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 30

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 6-7

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 12/2019, पेज 7-8

    शुद्ध उपासना, पेज 229-230

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2014, पेज 23-27

    9/15/2012, पेज 11

    7/1/1998, पेज 21-22

    4/1/1987, पेज 19

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 237

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 182

1 कुरिंथियों 15:27

संबंधित आयतें

  • +भज 8:6; इफ 1:22
  • +इब्र 2:8
  • +1पत 3:22

1 कुरिंथियों 15:28

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:28
  • +1कुर 3:23

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    4/2019, पेज 6

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 5-6

    शुद्ध उपासना, पेज 229-230

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2014, पेज 27

    9/15/2012, पेज 11-12

    पेज 12

    7/1/1998, पेज 22

1 कुरिंथियों 15:29

संबंधित आयतें

  • +रोम 6:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2008, पेज 27

    10/1/2003, पेज 29

    8/15/2000, पेज 30

    7/15/2000, पेज 17

    7/1/1998, पेज 17

1 कुरिंथियों 15:30

फुटनोट

  • *

    या “हर समय।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:36; 2कुर 11:23-27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 17

1 कुरिंथियों 15:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 18

1 कुरिंथियों 15:32

फुटनोट

  • *

    या शायद, “इंसानी नज़रिए से।”

संबंधित आयतें

  • +2कुर 1:8
  • +यश 22:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 163

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 9

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/2007, पेज 3

    6/15/2002, पेज 26-28

    7/15/2000, पेज 18

    7/1/1998, पेज 18

    11/1/1997, पेज 24-25

    8/15/1997, पेज 12

    11/1/1996, पेज 16

    9/1/1990, पेज 28

    9/1/1989, पेज 22

1 कुरिंथियों 15:33

फुटनोट

  • *

    या “अच्छे उसूलों को।”

संबंधित आयतें

  • +नीत 13:20; 1कुर 5:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    2/2023, पेज 17

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 48

    सजग होइए!,

    अंक 3 2019, पेज 9

    10/8/2005, पेज 13-14

    3/8/1997, पेज 13

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2015, पेज 25-26

    7/15/2012, पेज 15

    5/1/2007, पेज 19-20

    3/15/2006, पेज 23

    7/15/2000, पेज 18

    7/1/1998, पेज 18

    11/1/1997, पेज 23-25

    7/15/1997, पेज 18

    2/1/1994, पेज 16

    8/1/1993, पेज 14-19

    6/1/1992, पेज 25

    7/1/1988, पेज 6

1 कुरिंथियों 15:34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 18

1 कुरिंथियों 15:35

संबंधित आयतें

  • +1यूह 3:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 9-12

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2000, पेज 18

    7/1/1998, पेज 19

1 कुरिंथियों 15:36

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 19-20

1 कुरिंथियों 15:37

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 19-20

1 कुरिंथियों 15:38

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 19-20

1 कुरिंथियों 15:40

संबंधित आयतें

  • +मत 28:3; लूक 24:4; इब्र 2:6, 7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2000, पेज 18

    7/1/1998, पेज 20

1 कुरिंथियों 15:41

संबंधित आयतें

  • +उत 1:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 20

    6/1/1993, पेज 21-22

1 कुरिंथियों 15:42

संबंधित आयतें

  • +रोम 2:6, 7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2000, पेज 18-19

    7/1/1998, पेज 20

1 कुरिंथियों 15:43

संबंधित आयतें

  • +कुल 3:4
  • +प्रक 20:4

1 कुरिंथियों 15:45

संबंधित आयतें

  • +उत 2:7
  • +यूह 5:26; 1ती 3:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 145

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2014, पेज 26

    3/15/2000, पेज 4

    4/1/1990, पेज 11-12, 13-14

    महान शिक्षक, पेज 192-193

1 कुरिंथियों 15:47

संबंधित आयतें

  • +उत 2:7
  • +यूह 3:13

1 कुरिंथियों 15:48

संबंधित आयतें

  • +फिल 3:20, 21

1 कुरिंथियों 15:49

संबंधित आयतें

  • +उत 5:3
  • +रोम 8:29

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 11

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 20

1 कुरिंथियों 15:50

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 11-12

    नयी दुनिया अनुवाद, पेज 2115

1 कुरिंथियों 15:51

संबंधित आयतें

  • +1थि 4:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 12

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 17

    2/15/1995, पेज 22

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 173

1 कुरिंथियों 15:52

संबंधित आयतें

  • +1थि 4:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 12

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 17

    2/15/1995, पेज 22

1 कुरिंथियों 15:53

संबंधित आयतें

  • +रोम 2:6, 7
  • +2कुर 5:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2009, पेज 25

    7/1/1998, पेज 20

1 कुरिंथियों 15:54

संबंधित आयतें

  • +यश 25:8; प्रक 20:6

1 कुरिंथियों 15:55

संबंधित आयतें

  • +हो 13:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2005, पेज 29

    2/15/1995, पेज 9-10

1 कुरिंथियों 15:56

फुटनोट

  • *

    या “और कानून, पाप को ताकत देता है।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 6:23
  • +रोम 3:20; 7:12, 13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2005, पेज 29

    7/15/2000, पेज 19

1 कुरिंथियों 15:57

संबंधित आयतें

  • +यूह 3:16; प्रेष 4:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1998, पेज 24

1 कुरिंथियों 15:58

संबंधित आयतें

  • +कुल 1:23; इब्र 3:14; 2पत 3:17
  • +रोम 12:11
  • +2इत 15:7; 1कुर 3:8; प्रक 14:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 13

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2017, पेज 9-10

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2003, पेज 22

    7/15/2000, पेज 19

    7/1/1998, पेज 24

    7/1/1991, पेज 15

    राज-सेवा,

    6/2000, पेज 1

    1/1995, पेज 1

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 कुरिं. 15:1प्रेष 18:1, 11
1 कुरिं. 15:3भज 22:15; यश 53:8, 12; दान 9:26; 1पत 2:24
1 कुरिं. 15:4यश 53:9; मत 27:59, 60
1 कुरिं. 15:4भज 16:10
1 कुरिं. 15:4यो 1:17; लूक 24:46
1 कुरिं. 15:4मत 28:7
1 कुरिं. 15:5मत 10:2; लूक 24:33, 34; यूह 20:26
1 कुरिं. 15:6मत 28:16, 17
1 कुरिं. 15:7प्रेष 12:17
1 कुरिं. 15:7प्रेष 1:3, 6
1 कुरिं. 15:8प्रेष 9:3-5
1 कुरिं. 15:9प्रेष 8:3; गल 1:13
1 कुरिं. 15:12प्रेष 4:2; 17:31
1 कुरिं. 15:15प्रेष 3:15
1 कुरिं. 15:15प्रेष 2:24; 4:10; 13:30, 31
1 कुरिं. 15:17रोम 4:25; इब्र 7:25
1 कुरिं. 15:18प्रेष 7:59; 1कुर 15:14; 1पत 1:3
1 कुरिं. 15:20प्रेष 26:23; कुल 1:18
1 कुरिं. 15:21उत 3:17, 19
1 कुरिं. 15:21यूह 11:25
1 कुरिं. 15:22रोम 5:12
1 कुरिं. 15:22रोम 5:17; 6:23
1 कुरिं. 15:23प्रक 1:5
1 कुरिं. 15:23मत 24:3; 1थि 4:16
1 कुरिं. 15:24दान 2:44
1 कुरिं. 15:25भज 110:1, 2
1 कुरिं. 15:26प्रक 20:14
1 कुरिं. 15:27भज 8:6; इफ 1:22
1 कुरिं. 15:27इब्र 2:8
1 कुरिं. 15:271पत 3:22
1 कुरिं. 15:28यूह 14:28
1 कुरिं. 15:281कुर 3:23
1 कुरिं. 15:29रोम 6:4
1 कुरिं. 15:30रोम 8:36; 2कुर 11:23-27
1 कुरिं. 15:322कुर 1:8
1 कुरिं. 15:32यश 22:13
1 कुरिं. 15:33नीत 13:20; 1कुर 5:6
1 कुरिं. 15:351यूह 3:2
1 कुरिं. 15:40मत 28:3; लूक 24:4; इब्र 2:6, 7
1 कुरिं. 15:41उत 1:16
1 कुरिं. 15:42रोम 2:6, 7
1 कुरिं. 15:43कुल 3:4
1 कुरिं. 15:43प्रक 20:4
1 कुरिं. 15:45उत 2:7
1 कुरिं. 15:45यूह 5:26; 1ती 3:16
1 कुरिं. 15:47उत 2:7
1 कुरिं. 15:47यूह 3:13
1 कुरिं. 15:48फिल 3:20, 21
1 कुरिं. 15:49उत 5:3
1 कुरिं. 15:49रोम 8:29
1 कुरिं. 15:511थि 4:17
1 कुरिं. 15:521थि 4:16
1 कुरिं. 15:53रोम 2:6, 7
1 कुरिं. 15:532कुर 5:4
1 कुरिं. 15:54यश 25:8; प्रक 20:6
1 कुरिं. 15:55हो 13:14
1 कुरिं. 15:56रोम 6:23
1 कुरिं. 15:56रोम 3:20; 7:12, 13
1 कुरिं. 15:57यूह 3:16; प्रेष 4:12
1 कुरिं. 15:58कुल 1:23; इब्र 3:14; 2पत 3:17
1 कुरिं. 15:58रोम 12:11
1 कुरिं. 15:582इत 15:7; 1कुर 3:8; प्रक 14:13
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
1 कुरिंथियों 15:1-58

कुरिंथियों के नाम पहली चिट्ठी

15 भाइयो, अब मैं तुम्हें वही खुशखबरी याद दिला रहा हूँ जो मैंने तुम्हें सुनायी थी+ और जिसे तुमने स्वीकार किया था और जिसके पक्ष में तुम अब तक खड़े भी हो। 2 इस खुशखबरी से तुम्हारा उद्धार होगा बशर्ते तुम इस पर अपनी पकड़ मज़बूत बनाए रखो, वरना तुम्हारा विश्‍वासी बनना बेकार होगा।

3 इसलिए कि जो बातें मुझे सिखायी गयी थीं और जो मैंने तुम तक पहुँचायी हैं, उनमें सबसे ज़रूरी यह है कि जैसा शास्त्र में लिखा है, मसीह हमारे पापों के लिए मरा+ 4 और उसे दफनाया गया।+ और जैसा शास्त्र में लिखा था+ उसे तीसरे दिन+ ज़िंदा किया गया।+ 5 वह कैफा* के सामने और फिर बारहों के सामने प्रकट हुआ।+ 6 उसके बाद वह एक ही वक्‍त पर 500 से ज़्यादा भाइयों के सामने प्रकट हुआ,+ जिनमें से ज़्यादातर आज भी हमारे साथ हैं, मगर कुछ मौत की नींद सो गए हैं। 7 इसके बाद वह याकूब के सामने प्रकट हुआ,+ फिर सभी प्रेषितों के सामने।+ 8 आखिर में वह मेरे सामने भी प्रकट हुआ,+ जबकि मैं वक्‍त से पहले पैदा हुए बच्चे जैसा था।

9 मैं प्रेषितों में सबसे छोटा हूँ, यहाँ तक कि प्रेषित कहलाने के भी लायक नहीं हूँ क्योंकि मैंने परमेश्‍वर की मंडली पर ज़ुल्म किया।+ 10 मगर आज मैं जो हूँ वह परमेश्‍वर की महा-कृपा से हूँ। और मेरे लिए उसकी महा-कृपा बेकार साबित नहीं हुई क्योंकि मैंने बाकियों से ज़्यादा मेहनत की है, फिर भी यह मेरी वजह से नहीं, बल्कि परमेश्‍वर की उस महा-कृपा की वजह से हुआ है जो मुझ पर है। 11 लेकिन चाहे मेरी बात करो या उनकी, हम इसी बात का प्रचार कर रहे हैं और तुमने भी इसी पर यकीन किया है।

12 जब मसीह के बारे में यही प्रचार किया जा रहा है कि उसे मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया है,+ तो तुममें से कुछ यह कैसे कहते हैं कि मरे हुओं को ज़िंदा नहीं किया जाएगा? 13 अगर मरे हुओं को ज़िंदा नहीं किया जाएगा, तो इसका मतलब मसीह को भी मरे हुओं में से ज़िंदा नहीं किया गया है। 14 अगर मसीह ज़िंदा नहीं किया गया, तो हमारा प्रचार करना वाकई बेकार है और तुम्हारा विश्‍वास भी बेकार है। 15 इतना ही नहीं, हम परमेश्‍वर के बारे में झूठी गवाही दे रहे हैं+ कि उसने मसीह को ज़िंदा किया है।+ क्योंकि अगर यह बात सच है कि मरे हुओं को ज़िंदा नहीं किया जाएगा, तो इसका मतलब परमेश्‍वर ने मसीह को भी ज़िंदा नहीं किया है। 16 इसलिए कि अगर मरे हुए ज़िंदा नहीं किए जाएँगे, तो मसीह को भी नहीं उठाया गया। 17 और अगर मसीह को ज़िंदा नहीं किया गया, तो तुम्हारा विश्‍वास बेकार है और तुम अब भी अपने पापों में पड़े हुए हो।+ 18 और मसीह के जो चेले मौत की नींद सो गए हैं, वे भी पूरी तरह मिट गए।+ 19 अगर हमने सिर्फ इसी ज़िंदगी के लिए मसीह से आशा रखी है, फिर तो हम सबसे ज़्यादा तरस खाने लायक हैं।

20 मगर सच तो यह है कि मसीह को मरे हुओं में से ज़िंदा किया गया है और जो मौत की नींद सो गए हैं उनमें वह पहला फल है।+ 21 एक इंसान के ज़रिए मौत आयी,+ इसलिए एक इंसान के ज़रिए ही मरे हुए ज़िंदा किए जाएँगे।+ 22 ठीक जैसे आदम की वजह से सभी मर रहे हैं,+ वैसे ही मसीह की बदौलत सभी ज़िंदा किए जाएँगे।+ 23 मगर हर कोई एक सही क्रम में: पहले मसीह जो पहला फल है।+ इसके बाद वे जो मसीह के हैं, उसकी मौजूदगी के दौरान ज़िंदा किए जाएँगे।+ 24 फिर अंत में जब वह सभी सरकारों, अधिकारों और ताकतों को मिटा चुका होगा, तब वह अपने परमेश्‍वर और पिता के हाथ में राज सौंप देगा।+ 25 इसलिए कि उसका तब तक राजा बनकर राज करना ज़रूरी है जब तक कि परमेश्‍वर सारे दुश्‍मनों को उसके पैरों तले नहीं कर देता।+ 26 सबसे आखिरी दुश्‍मन जो मिटा दिया जाएगा, वह है मौत।+ 27 परमेश्‍वर ने “सबकुछ उसके पैरों तले कर दिया है।”+ मगर जब वह कहता है, ‘सबकुछ पैरों तले कर दिया गया है,’+ तो ज़ाहिर है कि जिस परमेश्‍वर ने सबकुछ उसके अधीन कर दिया वह खुद इसमें शामिल नहीं है।+ 28 मगर जब सबकुछ बेटे के अधीन कर दिया जाएगा, तब बेटा भी अपने आपको परमेश्‍वर के अधीन कर देगा जिसने सबकुछ उसके अधीन किया था+ ताकि परमेश्‍वर ही सबके लिए सबकुछ हो।+

29 तो फिर उनका क्या होगा जो मौत के लिए बपतिस्मा लेते हैं?+ अगर मरे हुए ज़िंदा ही नहीं किए जाएँगे, तो वे मौत के लिए बपतिस्मा ही क्यों ले रहे हैं? 30 हम भी क्यों हर घड़ी* जोखिम उठाते हैं?+ 31 भाइयो, जितना यह सच है कि मैं हमारे प्रभु मसीह यीशु में तुम पर गर्व करता हूँ, उतना ही यह भी सच है कि मैं हर दिन मौत का सामना करता हूँ। 32 अगर बाकी इंसानों की तरह* मैं भी इफिसुस+ में जंगली जानवरों से लड़ा, तो मुझे क्या फायदा? अगर मरे हुओं को ज़िंदा नहीं किया जाएगा तो “आओ हम खाएँ-पीएँ क्योंकि कल तो मरना ही है।”+ 33 धोखा न खाओ। बुरी संगति अच्छी आदतें* बिगाड़ देती है।+ 34 नेक काम करने के लिए होश में आ जाओ और पाप करने में मत लगे रहो, क्योंकि कुछ लोग परमेश्‍वर के बारे में कोई ज्ञान नहीं रखते। मैं तुम्हें शर्म दिलाने के लिए यह कह रहा हूँ।

35 मगर शायद कोई कहे, “मरे हुओं को कैसे ज़िंदा किया जाएगा? वे किस तरह के शरीर में ज़िंदा होंगे?”+ 36 अरे मूर्ख इंसान! तू जो बोता है वह जब तक पहले मर न जाए, जीवन नहीं पाता। 37 तू जो बोता है वह उगा हुआ पौधा नहीं बल्कि एक बीज होता है, फिर चाहे वह गेहूँ का बीज हो या कोई और बीज। 38 मगर परमेश्‍वर को जैसा सही लगता है, वह उस बीज को बढ़ाता है और जब वह पौधा बनता है तो दूसरे पौधों से अलग होता है। 39 सब शरीर एक जैसे नहीं होते। इंसानों का शरीर अलग होता है, जानवरों का शरीर अलग। पक्षियों का शरीर अलग होता है और मछलियों का शरीर अलग। 40 जो स्वर्ग में हैं उनका शरीर धरती पर रहनेवालों के शरीर से अलग होता है।+ जो स्वर्ग में हैं उनके शरीर का तेज एक किस्म का है और धरती पर रहनेवालों के शरीर का तेज दूसरे किस्म का। 41 सूरज का तेज एक किस्म का है और चाँद का तेज दूसरे किस्म का+ और तारों का तेज और किस्म का। दरअसल, एक तारे का तेज दूसरे तारे के तेज से अलग होता है।

42 मरे हुओं को भी इसी तरह ज़िंदा किया जाता है। शरीर नश्‍वर दशा में बोया जाता है और अनश्‍वर दशा में ज़िंदा किया जाता है।+ 43 इसे अनादर की दशा में बोया जाता है और महिमा की दशा में ज़िंदा किया जाता है।+ इसे कमज़ोर दशा में बोया जाता है और शक्‍तिशाली दशा में ज़िंदा किया जाता है।+ 44 हाड़-माँस का शरीर बोया जाता है और अदृश्‍य शरीर देकर ज़िंदा किया जाता है। जैसे हाड़-माँस का शरीर होता है, वैसे ही अदृश्‍य शरीर भी होता है। 45 ऐसा लिखा भी है, “पहला इंसान आदम, जीता-जागता इंसान बना।”+ मगर आखिरी आदम जीवन देनेवाला अदृश्‍य प्राणी बना।+ 46 मगर पहला शरीर अदृश्‍य नहीं है। पहले हाड़-माँस का शरीर है, फिर अदृश्‍य शरीर है। 47 पहला आदमी धरती से है और मिट्टी से बनाया गया था,+ दूसरा स्वर्ग से है।+ 48 जैसा वह है जो मिट्टी से बनाया गया है, वैसे ही दूसरे हैं जो मिट्टी से बनाए गए हैं। और जैसा वह है जो स्वर्ग से है, वैसे ही दूसरे भी हैं जो स्वर्ग से हैं।+ 49 और ठीक जैसे हम उसकी छवि में हैं जो मिट्टी से बना था,+ वैसे ही हम उसकी छवि में भी होंगे जो स्वर्ग से है।+

50 मगर भाइयो, मैं यह कहता हूँ कि माँस और खून परमेश्‍वर के राज के वारिस नहीं हो सकते। और नश्‍वरता, अनश्‍वरता की वारिस नहीं हो सकती। 51 देखो! मैं तुम्हें एक पवित्र रहस्य बताता हूँ: हम सभी मौत की नींद नहीं सोएँगे, मगर हम सभी बदल जाएँगे,+ 52 पल-भर में पलक झपकते ही, आखिरी तुरही फूँकने के दौरान ऐसा होगा।+ तुरही फूँकी जाएगी और मरे हुए अनश्‍वर दशा में ज़िंदा किए जाएँगे और हम बदल जाएँगे। 53 इसलिए कि यह शरीर जो नश्‍वर है इसे अनश्‍वरता को पहनना है+ और यह शरीर जो मरनहार है इसे अमरता को पहनना है।+ 54 जब यह जो नश्‍वर है, अनश्‍वरता को पहन लेता है और यह जो मरनहार है अमरता को पहन लेता है, तब यह बात पूरी होगी जो लिखी है, “मौत को हमेशा के लिए निगल लिया गया है।”+ 55 “हे मौत, तेरी जीत कहाँ है? हे मौत, तेरा डंक कहाँ है?”+ 56 पाप वह डंक है जो मौत देता है+ और पाप को ताकत देनेवाला, कानून है।*+ 57 मगर परमेश्‍वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के ज़रिए हमें जीत दिलाता है!+

58 इसलिए मेरे प्यारे भाइयो, अटल बनो,+ डटे रहो और प्रभु की सेवा में हमेशा तुम्हारे पास बहुत काम हो,+ क्योंकि तुम जानते हो कि प्रभु में तुम्हारी कड़ी मेहनत बेकार नहीं है।+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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