१९९८ “ईश्वरीय जीवन का मार्ग” ज़िला अधिवेशन
साल-दर-साल, संसार भर में यहोवा के आज के उपासक ज़िला अधिवेशनों में बड़ी तादाद में इकट्ठा होने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। वे ठीक वैसा ही महसूस करते हैं जैसा कि प्राचीन इस्राएल के यहोवा के वफादार सेवक महसूस करते थे, जब यहोवा की उपासना के लिए ये खुशी से भजन १२२ का गीत गाते हुए यरूशलेम जाते थे। इस भजन की आयत १ कहती है: “जब लोगों ने मुझ से कहा, कि हम यहोवा के भवन को चलें, तब मैं आनन्दित हुआ।” ऐसे अवसरों पर हम यशायाह २:२, ३ के ईश्वरप्रेरित वचन की भी पूर्ति होते हुए देखते हैं।
२ हमें नीतिवचन १०:२९ (NHT) में बताया गया है कि “यहोवा का मार्ग दृढ़ गढ़ है।” तो इस साल के अधिवेशन का विषय कितना उचित है—“ईश्वरीय जीवन का मार्ग”! तीन दिन के कार्यक्रम के दौरान इस विषय के विभिन्न पहलुओं को किस तरह समझाया जाएगा? इसमें हमारे लिए क्या तैयार किया गया है यह जानने के लिए हम बेताब हैं। और इसमें महत्त्वपूर्ण बातें बताई जाएँगी।
३ उपस्थित होने के लिए प्रयास कीजिए: अफ्रीका के कुछ भागों में हो रहे युद्ध और दंगा-फसादों की वज़ह से हमारे कई भाई कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यहोवा के लोगों के ऐसे अधिवेशनों को वे बहुत ही अहम समझते हैं जहाँ उन्हें मज़बूती मिलती है। कुछ लोगों को अधिवेशन में उपस्थित होने के लिए लंबी-लंबी दूरियाँ तय करनी पड़ती हैं, इसके बावजूद वे गैरहाज़िरी की बात तक नहीं सोचते। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में (पहले ज़ाएर कहा जाता था) ७३ साल के एक भाई को अधिवेशन जाने के लिए कुछ ४५० किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। उन्हें पहुँचने में १६ दिन लगे और पैर भी सूज गए थे, इसके बावजूद वे वहाँ जाकर कितने खुश थे। अधिवेशन के बाद बहुत ही खुश और आध्यात्मिक रूप से मज़बूत होकर वे फिर से पैदल ही घर लौटे। ऐसी यात्रा वे कई सालों से करते आए हैं!
४ मोज़म्बिक में एक डिस्ट्रिक्ट ओवरसियर और उनकी पत्नी को सर्किट सम्मेलन में जाने के लिए ऊंचा पहाड़ चढ़ना पड़ा और रेगिस्तान जैसा रास्ता पैदल पार करना पड़ा। उन्होंने यह ९० किलोमीटर का रास्ता ४५ घंटे में तय किया। वहाँ सम्मेलन में उपस्थित सभी जन इस जोड़े के अच्छे उदाहरण से बेहद प्रोत्साहित हुए। इसी तरह और भी कई परिवारों ने उपस्थित होने के लिए ऐसी तकलीफों का सामना किया था। डिस्ट्रिक्ट ओवरसियर ने बताया कि कुछ भाइयों ने २०० किलोमीटर की पैदल यात्रा तय की, जिनमें से एक की उम्र ६० साल थी!
५ क्या आपने इस साल के अधिवेशन में उपस्थित होने की योजना बना ली है? शायद आपको इतना लंबा रास्ता पैदल न चलना पड़े, फिर भी आपको और आपके परिवार को उपस्थित होने के लिए कुछ प्रयास और त्याग करने पड़ेंगे। शुरू से आखिर तक तीनों दिन उपस्थित रहने का प्रबंध कीजिए। बाइबल अध्ययन करनेवाले कई लोग समर्पण की ओर प्रगति कर रहे हैं। अधिवेशन में आने से वे सही फैसला कर सकेंगे। क्या आपने अपने बाइबल विद्यार्थियों और दिलचस्पी दिखानेवालों को अपने साथ आने के लिए कहा है?
६ तीन-दिवसीय कार्यक्रम: भारत में इस साल २० अधिवेशन होंगे। अधिवेशन अंग्रेज़ी के अलावा, कन्नड़, गुजराती, तमिल, तेलगू, नेपाली, पंजाबी, बंगला, मलयालम और हिंदी में आयोजित किए जाएँगे। इस इंसर्ट के पेज ६ पर अधिवेशनों की तारीख और स्थान दिए गए हैं।
७ विशेष सूचना: शुक्रवार, शनिवार और रविवार को कार्यक्रम सुबह ९:३० बजे शुरू होगा। शुक्रवार और शनिवार को कार्यक्रम शाम ५ बजे और रविवार को शाम ४ बजे समाप्त होगा। दरवाज़ा हर दिन सुबह ८ बजे खोला जाएगा। इससे पहले केवल वे लोग अंदर जा सकते हैं जिन्हें कोई काम सौंपा गया है। लेकिन सुबह ८ से पहले किसी को सीटें बुक करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
८ अधिवेशन के लिए आते-जाते समय हमें गवाही देने के मौकों को ढूँढ़ना चाहिए। पैट्रोल पंप पर काम करनेवालों, दुकानदारों, होटल कर्मचारियों और वेटरों को शायद राज्य का संदेश दिलचस्प लगे। इसलिए ट्रैक्ट, हाल की पत्रिकाएँ, ब्रोशर या अन्य किताबें अपने साथ रखकर तैयार रहिए ताकि मौके का फायदा उठाकर आप उन लोगों को गवाही दे सकें जिन तक शायद सुसमाचार न पहुँच पाता।—२ तीमु. ३:१७.
९ “चौकस रहो, कि तुम किस रीति से सुनते हो”: अधिवेशन में उपस्थित होनेवाले बुद्धिमानी दिखाते हैं जब वे लूका ८:१८ की सलाह को मानते हैं। सभी को अपने साथ बाइबल, साँगबुक और एक नोटबुक लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। हर भाग के मुख्य मुद्दों को ध्यान से सुनिए और संक्षिप्त में नोट्स लिखिए। खुद से पूछिए कि इन मुद्दों को मैं अपने जीवन में कैसे लागू कर सकता हूँ। अधिवेशन की हर रात, सोने से पहले क्यों न अपने नोट्स को देखें और जाँच करें कि आप यहोवा द्वारा दिखाए गए जीवन के मार्ग पर कितनी करीबी से चल रहे हैं।—नीति. ४:१०-१३.
१० ऐसा देखा गया है कि कार्यक्रम के दौरान कुछ लोग हॉल छोड़कर अपनी गाड़ियों में बैठ जाते हैं और पूरा कार्यक्रम नहीं सुनते। कुछ लोगों को बेमतलब ही गलियारे में घूमते देखा गया है, जबकि उन्हें हॉल में बैठकर कार्यक्रम सुनना चाहिए। जवानों को दोपहर में कार्यक्रम के दौरान अधिवेशन स्थल से बाहर जाते देखा गया है। प्राचीन समयों में यहोवा के कुछ सेवकों ने गंभीर गलतियाँ की थीं क्योंकि उन्होंने यहोवा की बातें ध्यान से नहीं सुनी। यकीनन हम वैसी गलतियाँ नहीं करना चाहेंगे। (२ राजा १७:१३-१५) “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” ने ऐसी जानकारी तैयार की है जिसकी हम सभी को ज़रूरत है। यह बेहद ज़रूरी है कि हम “उन बातों पर . . . और भी मन लगाएं” जिन्हें हम तीन दिनों के इस अधिवेशन के हर भाग में सुनेंगे। हर दिन हमें कुछ खास दिलचस्प जानकारी दी जाएगी और ऐसी जानकारी भी होगी जिसका हमारी आनेवाली ज़िंदगी पर सचमुच अच्छा असर पड़ेगा। आनेवाले अधिवेशनों में पूरा ध्यान देने और यहोवा द्वारा किए गए आध्यात्मिक प्रबंधों का पूरा-पूरा फायदा उठाने से हमारी आशा मज़बूती से जड़ पकड़ेगी ताकि हम ईश्वरीय जीवन के मार्ग से “दूर [न] चले जाएं।”—मत्ती २४:४५; इब्रा. २:१.
११ पहिरावे जिससे यहोवा की महिमा हो: इन कठिन दिनों में हमें और भी ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है ताकि इस संसार की आत्मा हम पर हावी न हो। (१ कुरि. २:१२) हमारे कपड़े और हमारा सजना-सवँरना शालीन होना चाहिए और इससे हमारे परमेश्वर की महिमा होनी चाहिए जिसकी हम उपासना करते हैं। (१ तीमु. २:९, १०) “हमारे उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के उपदेश को शोभा” देनेवालों के बीच होने के लिए हमें महँगे कपड़ों की ज़रूरत नहीं है। (तीतु. २:१०) प्रहरीदुर्ग के जून १५, १९९७ के अंक में, पेज १७ और १८ पर अनुच्छेद १४-१८ देखिए, जहाँ अच्छी व्यावहारिक और शास्त्रीय सलाह दी गई है। यह कभी मत भूलिए कि हमारे कपड़े भी ज़बरदस्त गवाही दे सकते हैं जिससे यहोवा की महिमा होती है।
१२ सोलह साल की एक साक्षी ने बताया कि एक शाम अधिवेशन खत्म होने के बाद जब वह और उसका भाई रेस्तराँ में गए, तो उन्होंने कुछ भाई-बहनों को अनुचित कपड़े पहने देखा। लेकिन रेस्तराँ में आए हुए कई लोगों ने उन साक्षियों को देखकर अच्छी प्रतिक्रिया दिखाई जिनके कपड़े साफ-सुथरे और ढंग के थे और जिन्होंने बैज-कार्ड लगा रखे थे। इससे उनमें से कुछ लोगों को गवाही देने का मौका मिल गया।
१३ आचरण जिससे यहोवा की स्तुति हो: हमें पता है कि हमारा मसीही आचरण देखकर भी लोग सच्ची उपासना के बारे में अपनी राय कायम कर सकते हैं। इसलिए हर समय हमारा चालचलन ऐसा होना चाहिए जो सुसमाचार के योग्य हो और जिससे यहोवा की स्तुति हो।—फिलि. १:२७.
१४ पिछले साल उत्तरी अंगोला में पहली बार ज़िला अधिवेशन आयोजित किया गया। दूसरे दिन अधिवेशन स्थल पर दो पुलिस अफसरों को शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भेजा गया। वे सारा दिन तैनात रहे। दिन भर उन्होंने जो भी सुना था और लोगों का जो अच्छा आचरण देखा था उनकी उन्होंने प्रशंसा की। एक ने कहा: “हमें यहाँ क्यों भेजा गया? हम जानते हैं कि यहोवा के साक्षी अपनी सभाओं में व्यवस्था बनाए रखते हैं।”
१५ अफ्रीकी देश की एक राजनैतिक पार्टी का सदस्य तब फरार होकर यूरोप आया जब उसकी पार्टी के बाकी सभी सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। खुद उसके सिर पर भी मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था, इसलिए वह बहुत हताश हो गया था। कुछ समय बाद उसने बाइबल अध्ययन शुरू किया। जब वह पहली बार ज़िला अधिवेशन में उपस्थित हुआ तो समाज के अलग-अलग वर्गों से आए लोगों को शांति और एकता में एक दूसरे से मिलते देखकर प्रभावित हुआ। उसे पूरा यकीन हो गया था कि उसे सच्चाई मिल गई है और उसी अधिवेशन में उसने फैसला किया कि वह अपने सारे राजनैतिक संबंधों को तोड़ देगा। बाद में उसने बपतिस्मा लिया और अब वह अपने बच्चों समेत यहोवा की सेवा कर रहा है।
१६ इस साल अधिवेशनों में पहली बार आनेवालों पर हमारे आचरण का कैसा असर होगा? क्या वे एकता की भावना देख सकेंगे जब हम स्वयंसेवक मिलकर काम करेंगे? क्या वे हमारे आस-पास की साफ-सफाई को और इस बात को देखकर प्रभावित होंगे कि अधिवेशन स्थल छोड़ने से पहले हम और हमारे बच्चे सीटों के आस-पास का कचरा उठाते हैं जो शायद जमा हो गया हो? अधिवेशन के लिए जाते वक्त और लौटते वक्त भी क्या उन्हें हमारा अच्छा आचरण दिखेगा? क्या वे यह देख सकेंगे कि हम माँ-बाप, हर घड़ी अपने बच्चों पर कड़ी निगरानी रखते हैं? हमें देखनेवालों पर एक अच्छी छाप छोड़ने के लिए आइए, हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें।
१७ अधिवेशन के खर्चे उठाना: आजकल, हॉल या स्टेडियम में खेल का कोई प्रदर्शन या अन्य कार्यक्रम देखने के लिए सीटों की टिकट बहुत महँगी होती है। इसकी एक वज़ह यह भी है कि बड़े शहरों में किराया बहुत ज़्यादा होता है। और अधिवेशनों के लिए संस्था की पॉलिसी हमेशा यही रही है कि प्रवेश मुफ्त हो और पैसे न माँगे जाएँ। तो फिर किराया और अधिवेशन के दूसरे खर्च कैसे अदा किए जाएँगे? उपस्थित होनेवालों के दिल खोलकर किए गए अंशदानों से। हमें यकीन है कि आप उदारता की भावना दिखाएँगे जैसा कि पहले भी, यहोवा परमेश्वर और यीशु मसीह की तरह परमेश्वर के सेवकों ने दिखाई थी। (२ कुरि. ८:७) इसका बहुत ही अच्छी तरह ध्यान रखा जाता है कि सारे अंशदान सुरक्षित रहें, इनका ठीक-ठीक हिसाब रखा जाए और सही मकसद के लिए इनका इस्तेमाल हो। चेक द्वार किए गए अंशदान “Watchtower” को देय चेक के द्वारा किए जाने चाहिए।
१८ बैठने की व्यवस्था: सालों से दिए जा रहे निर्देश अब भी लागू होते हैं, यानी सीट अपने परिवार के सदस्यों और आपके साथ सफर करनेवालों के लिए ही बुक की जा सकती है। यह देखकर अच्छा लगा है कि इस निर्देश पर अमल किया जा रहा है और इससे अधिवेशनों में प्यार का माहौल बढ़ा है। ज़्यादातर जगहों में कुछ सीटों तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। कृपया लिहाज़ दिखाते हुए ज़्यादा सुविधाजनक सीटें बुज़ुर्गों और उनके लिए छोड़ दीजिए जिन्हें इनकी ज़रूरत है। याद रहे कि ‘प्रेम अपनी भलाई नहीं चाहता।’—१ कुरि. १३:४, ५; फिलि. २:४.
१९ कैमरे, वीडियो कैमरे और टेप रिकॉर्डर: अधिवेशन में कैमरा और रिकॉर्ड करने का उपकरण इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, इनके इस्तेमाल से दूसरों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान इधर-उधर जाकर तसवीरें खींचने से कार्यक्रम सुननेवालों का ध्यान भंग हो सकता है। किसी भी किस्म के रिकॉर्ड करनेवाले यंत्रों को इलॆक्ट्रिक या साउंड सिस्टम के साथ नहीं जोड़ना चाहिए और न ही इनसे गलियारे, चलने के रास्ते में या दूसरों के देखने में बाधा होनी चाहिए।
२० फर्स्ट एड: फर्स्ट एड डिपार्टमॆन्ट सिर्फ इमरजन्सी के लिए है। कृपया ऐस्प्रिन, पाचक दवाइयाँ, बैंडेज, सेफ्टी-पिन और ऐसी ही दूसरी चीज़ें अपने साथ ले आइए क्योंकि ये अधिवेशन में नहीं मिलेंगी। जिन व्यक्तियों को मिरगी, डायबीटीज़, हृदय-रोग, इत्यादि का ख़तरा है, उन्हें ज़रूरी दवाइयाँ साथ लानी चाहिए। उनकी स्थिति को समझनेवाले उनके परिवार या कलीसिया के किसी सदस्य को उनके साथ होना चाहिए ताकि अचानक ज़रूरत पड़ने पर वह आवश्यक मदद दे सके। अधिवेशनों में समस्याएँ खड़ी हुई हैं जब गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को अकेला छोड़ा गया और उनकी तबियत खराब हो गई। अगर कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें खास देखभाल की ज़रूरत है लेकिन मदद के लिए उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं है, तो इसके बारे में प्राचीनों को इत्तला करनी चाहिए जो मदद के लिए ज़रूरी प्रबंध करेंगे। जिन्हें हवा-पानी या एलर्जी की कोई समस्या है, उनके लिए अधिवेशन में किसी खास कमरे का प्रबंध करना संभव नहीं है।
२१ अधिवेशन में भोजन का प्रबंध: उपस्थित होनेवाले सभी लोगों को दोपहर के छोटे से ब्रेक में बाहर जाकर खाना खाने के बजाय अपना खाना साथ लाना चाहिए। ऐसा नाश्ता शायद काफी होगा जो पौष्टिक है और लाने में सुविधाजनक है। क्या लाना चाहिए इसके बारे में कुछ सुझाव जुलाई १९९५ की हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट में दिए गए हैं। अधिवेशन में काँच के बर्तन और शराब लाना मना है। खाने के डिब्बे या बैग उतने ही बड़े होने चाहिए जिन्हें आप अपनी सीट के नीचे रख सकें। कुछ श्रोताओं को कार्यक्रम के दौरान खाते-पीते देखा गया है। ऐसा करना अवसर के लिए आदर की कमी दिखाता है।
२२ हम कितने ख़ुश हैं कि १९९८ “ईश्वरीय जीवन का मार्ग” ज़िला अधिवेशन जल्द ही शुरू होगा! उपस्थित होने के लिए क्या आपने सारी तैयारियाँ कर ली हैं? हमारी यही कामना है कि आप सुरक्षित यात्रा करें और तरोताज़ा होकर इस पक्के इरादे के साथ घर वापस लौटें कि यहोवा की अनमोल सेवा करते रहेंगे और हमेशा-हमेशा की आशीष पाने के लिए ईश्वरीय जीवन के मार्ग पर चलते रहेंगे।
अधिवेशन के संबंध में कुछ बातें
◼ बपतिस्मा: बपतिस्मा के उम्मीदवारों को शनिवार सुबह कार्यक्रम के शुरू होने से पहले अपनी नियुक्त सीट पर बैठ जाना चाहिए। बपतिस्मा लेनेवाले हरेक व्यक्ति को शालीन कपड़े और तौलिया लाना चाहिए। अतीत में कुछ लोगों ने ऐसे कपड़े पहने थे जो उस अवसर के लिए ठीक नहीं था। बपतिस्मा उम्मीदवारों के साथ आवर मिनिस्ट्री पुस्तक के सवालों पर पुनर्विचार करनेवाले प्राचीनों को निश्चित करना चाहिए कि हरेक उम्मीदवार इन मुद्दों को समझे। समर्पण के प्रतीक में लिया गया बपतिस्मा एक व्यक्ति और यहोवा के बीच का अंतरंग और निजी मामला है। इसलिए यह ठीक नहीं होगा कि उम्मीदवार एक दूसरे से गले मिलते या हाथ पकड़ते हुए बपतिस्मा लें।
◼ बैज कार्ड: अधिवेशन शहर में और वहाँ आते-जाते वक्त भी कृपया १९९८ का बैज कार्ड लगाए रखिए। इससे अकसर अच्छी गवाही देने के मौके हमारे हाथ लगते हैं। बैज कार्ड और होल्डर अपनी कलीसिया से ही ले लेना चाहिए क्योंकि अधिवेशन में ये नहीं मिलेंगे। अधिवेशन शुरू होने के काफी दिनों पहले ही अपने और अपने परिवार के लिए कार्ड मँगवा लीजिए। अपने वर्तमान नो ब्लड/रिलीज़ कार्ड को साथ रखना मत भूलिए।
◼ रहने की व्यवस्था: इस संबंध में अगर आपको कोई समस्या होती है तो जब आप अधिवेशन में ही हैं, तब कृपया इसकी सूचना रूमिंग डिपार्टमॆन्ट को देने से मत हिचकिचाइए, ताकि वे उसी वक्त मामले को सुलझाने में आपकी मदद कर सकें। हर कलीसिया के सेक्रेटरी को जल्द-से-जल्द रूम रिक्वॆस्ट फॉर्म उपयुक्त अधिवेशन मुख्यालय के पते पर भेज देना चाहिए। अगर आप कमरे की बुकिंग रद्द करते हैं तो कृपया फौरन इसकी सूचना इस अधिवेशन के रूमिंग डिपार्टमॆन्ट को दीजिए ताकि कमरा दूसरों को दिया जा सके।
◼ स्वयंसेवा: अधिवेशन में किसी डिपार्टमॆन्ट में मदद करने के लिए क्या आप थोड़ा समय निकाल सकते हैं? चंद घंटों के लिए ही सही, भाइयों की सेवा करना बहुत ही मददगार होगा और इससे काफी संतुष्टि भी मिलेगी। अगर आप मदद कर सकते हैं तो कृपया अधिवेशन में वॉलंटियर सर्विस डिपार्टमॆन्ट को रिपोर्ट करें। सोलह से कम उम्र के बच्चे भी माता-पिता या दूसरे ज़िम्मेदार व्यक्ति के साथ काम करके बढ़िया योगदान दे सकते हैं।
◼ चेतावनी के दो शब्द: ध्यान रहे कि आपकी गाड़ी हमेशा लॉक हो और उसमें ऐसी वस्तु मत रखिए कि चोरों की नज़र पड़े और वे प्रलोभित हों। चोर और जेब-कतरे ऐसी ही बड़ी सभाओं की ताक में रहते हैं। अपनी सीट पर कोई कीमती चीज़ छोड़ना अकलमंदी नहीं है। ज़रूरी नहीं कि हमारे आस-पास का हरेक व्यक्ति एक मसीही हो। खाहमखाह प्रलोभन क्यों दें? रिपोर्टें मिली हैं कि कुछ अजनबियों ने बच्चों को फुसलाने की कोशिश है। हर घड़ी अपने बच्चों पर नज़र रखिए।
कई होटलों में टेलिविज़न और वीडियो पर अकसर अश्लील कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। बच्चों को बिना निगरानी के कमरे में टेलिविज़न चलाने की छूट मत दीजिए।
अधिवेशन के बारे में किसी जानकारी के लिए कृपया अधिवेशन हॉल के मैनेजमॆन्ट को न तो फोन करें और न ही पत्र लिखें। अगर जानकारी प्राचीनों से नहीं मिलती तो आप मई १९९८ के अंक की हमारी राज्य सेवकाई के पेज ५ पर दिए गए अधिवेशन के पते पर लिख सकते हैं। अगर आप कोयंबतूर या मदुरई में अधिवेशन के लिए जाना चाहते हैं तो अधिवेशन के मुख्यालयों के पते इसी अंक की हमारी राज्य सेवकाई के पेज ७ पर दिए गए हैं।