पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग मार्च 15
“दुनिया-भर में लोग यीशु की शिक्षाओं की तारीफ करते हैं। [पेज 3, पैराग्राफ 1 में दिया एक हवाला पढ़िए।] लेकिन क्या आपको लगता है कि ये शिक्षाएँ हमारे समय के लिए कारगर हैं, जैसे इस आयत में दर्ज़ यह शिक्षा? [मत्ती 5:21, 22क पढ़िए। फिर जवाब के लिए रुकिए।] यह पत्रिका बताती है कि यीशु ने क्या-क्या सिखाया और हम इन शिक्षाओं से कैसे फायदा पा सकते हैं।”
सजग होइए! जन.-मार्च
“कई माता-पिता ऐसी जानकारी चाहते हैं जिससे उन्हें बच्चों की परवरिश करने में मदद मिले। इस पत्रिका में माता-पिता के लिए बहुत-से फायदेमंद सुझाव दिए गए हैं।” पेज 7 पर दिया लेख खोलिए और नीतिवचन 22:6 पढ़िए।
प्रहरीदुर्ग अप्रै. 1
“क्या आपने कभी लोगों को यह कहते हुए सुना है कि विज्ञान और बाइबल के बीच कोई मेल नहीं है? [जवाब के लिए रुकिए।] विज्ञान और धर्म के बीच लंबे अरसे से चली आ रही जंग के बारे में इस पत्रिका में बताया गया है। मगर इसमें ये सबूत भी दिए गए हैं कि सच्चा विज्ञान, बाइबल से मेल खाता है।” पेज 6-7 खोलिए। फिर सभोपदेशक 1:7 पढ़िए।
सजग होइए! अप्रै.-जून
“प्राचीन समय में, परमेश्वर ने बच्चों को यह आज्ञा दी कि वे अपने पिता के साथ-साथ अपनी माँ का भी आदर करें। [निर्गमन 20:12 पढ़िए।] क्या आपको लगता है कि आज माओं को सचमुच आदर दिया जा रहा है? [जवाब के लिए रुकिए।] यह पत्रिका बताती है कि अलग-अलग देशों में रहनेवाली माओं के आगे क्या-क्या चुनौतियाँ हैं और उनका सामना करने के लिए वे क्या कर रही हैं।”