दूसरों को द वॉचटावर (प्रहरीदुर्ग) पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कीजिए
मई और जून के दौरान, हम सच्चाई के प्रेमियों को द वॉचटावर (प्रहरीदुर्ग) पत्रिका नियमित रूप से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहेंगे। हमारे अपने अनुभव से हमें यक़ीन हुआ है कि आज प्रकाशित सभी पत्रिकाओं में से, केवल यही वह अत्यावश्यक आध्यात्मिक भोजन प्रदान करती है जो पृथ्वी पर हो रही दुःखद परिस्थितियों के कारण आह भरने और कराहनेवालों के लिए ज़रूरी है।—यहेज़. ९:४.
२ द वॉचटावर (प्रहरीदुर्ग) पत्रिका ने हमें बाइबल की उन भविष्यवाणियों को समझने में मदद की है जो साबित करती हैं कि हम अन्त के समय में जी रहे हैं और कि परमेश्वर का राज्य जल्द ही पृथ्वी पर शान्ति ले आएगा। दूसरों की जानों के लिए हमारी असली चिन्ता हमें उन्हें यह बढ़िया आशा बताने के लिए प्रेरित करती है। और हम यह देखकर प्रोत्साहित होते हैं कि कई सच्चे दिलवाले उद्धार के लिए इकट्ठा किए जा रहे हैं।—यूहन्ना १०:१६.
३ द वॉचटावर के अप्रैल १, १९९१ अंक में एक लेख का विचारोत्तेजक शीर्षक है “क्या आप के अनुमान से ज़्यादा देर हुई है?” अप्रैल १५ के अंक में “शान्ति वास्तव में कब आएगी?” शीर्षक वाले लेख को प्रमुख स्थान दिया गया है। इन लेखों को चालू वार्तालाप के विषय, “विश्व शान्ति, क्या यह नज़दीक़ है?” के साथ अच्छी तरह से सम्बद्ध किया जा सकता है। यह तै करने के लिए कि क्या गृहस्वामी असल में सुसमाचार में दिलचस्पी रखता है या नहीं, उसे एक स्नेही तथा मैत्रीपूर्ण बाइबल आधारित बातचीत में खींच लें। इसके लिए पहले से तैयारी और यह दिखाने के लिए तत्परता भी आवश्यक होती है, कि चालू पत्रिका में छपे लेखों से गृहस्वामी विचाराधीन विषय के बारे में अपनी समझ को किस तरह बढ़ा सकता है।
४ हम केवल किसी भी व्यक्ति को, जो डाक से पत्रिकाएँ पाने के लिए अपना पता देने के लिए तैयार हो, पत्रिकाएँ भेजने में रुचि नहीं रखते। याद रखें कि हमारा नियुक्त कार्य सुसमाचार प्रचार करना और शिष्य बनाना है। (मत्ती २४:१४; २८:१९, २०) अगर वह व्यक्ति ऐसा है जो सिर्फ़ कुछेक लेख कभी-कभी पढ़ना पसन्द करता है, तो उसका नाम अपने पत्रिका मार्ग पर रखकर उसे नियमित रूप से व्यक्तिगत भेंट देना शायद सबसे उत्तम होगा। उस व्यक्ति से आपका नियमित सम्पर्क आपको उसकी दिलचस्पी विकसित करने और आख़िरकार यह तै कर लेने का मौक़ा देगा कि उसके लिए डाक से प्रहरीदुर्ग पत्रिका पाने का प्रबंध करना कब उचित होगा।
५ मई और जून में हमें घर-घर और साथ ही, जिन लोगों को हम मिलते हैं, उन से अनौपचारिक बातचीत में भी, यहोवा के राज्य का सुसमाचार फैलाने के कई मौक़े मिलेंगे। हम आश्वस्त रह सकते हैं कि यहोवा हमारे क्षेत्र में नम्र लोगों को ढूँढ़ निकालने और आवश्यक आध्यात्मिक पोषण देने की हमारी अध्यवसायी कोशिशों पर आर्शीवाद देते रहेंगे।