पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“पिछले हज़ार सालों में हुए आविष्कारों में से किसने हमारी ज़िंदगी पर सबसे ज़्यादा असर किया है? [जवाब के लिए रुकिए।] बहुत-से लोग मानते हैं कि ये आविष्कार बिजली, टेलिफोन या कंप्यूटर हैं, मगर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शायद इस मशीन ने हम पर सबसे ज़्यादा असर किया है। [पेज 17 पर तसवीर दिखाइए।] यह छपाई करने की सबसे पहली मशीन का मॉडल है और इसने बेशक दुनिया की कायापलट कर दी है। इस मशीन का आविष्कार करनेवाले योहानॆस गूटेनबर्ग के बारे में जानकारी देनेवाले इस लेख को आप ज़रूर पढ़ना चाहेंगे।”
प्रहरीदुर्ग दिसं. 15
“साल के इस वक्त, ज़्यादातर लोग यीशु मसीह के बारे में सोचते हैं, फिर चाहे वे उस पर विश्वास करते हों या नहीं। कुछ कहते हैं कि यीशु नाम का कोई व्यक्ति असल में था ही नहीं। आपकी क्या राय है? [जवाब के बाद, मत्ती 16:15, 16 पढ़िए।] आप ज़रूर इस लेख को पढ़ना चाहेंगे जिसमें ‘यीशु की असली पहचान’ बतायी गयी है, और यह जानना चाहेंगे कि यीशु, आज आपकी ज़िंदगी पर कैसे असर करता है और भविष्य में कैसे करेगा।”
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“क्या हर किस्म की चिंता आपके लिए हानिकारक है? आप शायद ऐसा ही सोचें, लेकिन इस सजग होइए! में आए एक लेख में बताया है कि कैसे हम ‘बेवजह चिंता’ करने से दूर रह सकते हैं और इसमें कुछ कारगर सुझाव भी दिए हैं कि कैसे कभी-कभी चिंता करने से आपको फायदा हो सकता है। क्या आप यह अंक पढ़ना चाहेंगे?”
प्रहरीदुर्ग जन. 1
“क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोगों की ज़िंदगी कितनी आराम से कटती है जबकि कुछ लोगों को अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए रात-दिन मेहनत करनी पड़ती है? इस बारे में बाइबल कुछ कहती है। [अय्यूब 34:19 पढ़िए।] इस पत्रिका में समझाया गया है कि परमेश्वर ने कैसे सामाजिक भेदभाव को हमेशा के लिए खत्म करने का फैसला किया है।”