पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! जुला.-सितं.
“आज चिकित्सा क्षेत्र ने बीमारियों से लड़ने में कमाल की तरक्की की है, लेकिन क्या आपको लगता है कि हम कभी वह दुनिया देखेंगे जिसमें बीमारी नाम की चीज़ नहीं होगी? [जवाब के लिए रुकिए।] इस पत्रिका में समझाया गया है कि एक दिन इस धरती पर जीनेवाला हर इंसान इस वादे के मुताबिक बढ़िया सेहत का मज़ा लेगा।” यशायाह 33:24 पढ़िए।
प्रहरीदुर्ग जुला. 15
“आज अगर अखबारों में या टी.वी. पर ऐसी घटना [जैसा पहले पन्ने पर दिखाया गया है] के होने की खबर आए, तो ज़्यादातर लोग शायद यकीन न करें। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। फिर, मरकुस 4:39 पढ़िए।] इस बात के क्या सबूत हैं कि यीशु ने सचमुच चमत्कार किए थे? प्रहरीदुर्ग के इस अंक में इसी सवाल पर चर्चा की गयी है।”
सजग होइए! जुला.-सितं.
किसी ऐसी दर्दनाक घटना का ज़िक्र कीजिए जिसको लेकर लोग काफी परेशान हैं, और फिर पूछिए: “क्या आपने कभी सोचा है कि परमेश्वर यह सब क्यों होने देता है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर याकूब 1:13 पढ़िए।] यह लेख खासकर नौजवानों के लिए लिखा गया है जो समझाता है कि हमसे प्यार करनेवाले सिरजनहार ने अब तक इंसान के दुःख-दर्द को अंत करने के लिए क्यों कोई कदम नहीं उठाया है।”
प्रहरीदुर्ग अग. 1
“आज दुनिया में हर कहीं लोगों में फूट है। इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि दुनिया में शांति लाने का बस एक तरीका है और वह है, पूरी दुनिया के लिए एक ही सरकार होना। क्या आपको लगता है कि यह मुमकिन है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर दानिय्येल 2:44 पढ़िए।] यह पत्रिका बताती है कि परमेश्वर का राज्य आज क्या कर रहा है और कैसे वह जल्द ही सारी दुनिया में शांति लाएगा।”