पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग जन.-मार्च
“हम इस विषय पर लोगों से बात कर रहे हैं कि कैसे हम अपनी बातों से अपने घरवालों का दिल दुखाने से बच सकते हैं। क्या इस बारे में आप कुछ कारगर सुझाव जानना चाहेंगे? [अगर घर-मालिक हाँ कहता है तो उससे पूछिए: इंसान की इस कमज़ोरी के बारे में परमेश्वर क्या कहता है, क्या मैं आपको पढ़कर सुना सकता हूँ? अगर वह राज़ी होता है, तो याकूब 3:2 पढ़िए।] इस लेख में कुछ कारगर सुझाव दिए गए हैं कि हम कैसे अपनी बातों से अपने घरवालों का दिल दुखाने से बच सकते हैं।” पेज 10 पर दिया लेख दिखाइए।
सजग होइए! जन.-मार्च
“हर शादी में मुश्किलें तो आती ही हैं। ऐसे में आपको क्या लगता है, शादीशुदा जोड़े किससे भरोसेमंद सलाह माँग सकते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। अगर घर-मालिक इस बारे में बात करने के लिए राज़ी हो, तो उससे पूछिए कि क्या आप इस मामले में उसे परमेश्वर की सलाह पढ़कर सुना सकते हैं? अगर वह हाँ कहे, तो इफिसियों 5:22,25 पढ़िए।] यह लेख समझाता है कि एक पत्नी का अपने पति के अधीन रहने का क्या मतलब है।” पेज 28 पर दिया लेख दिखाइए।