पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग अक्टू.-दिसं.
“आपको क्या लगता है, ज़िंदगी के अहम फैसले लेते वक्त हमें भरोसेमंद सलाह कौन दे सकता है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर घर-मालिक से इजाज़त लेकर नीतिवचन 3:5, 6 पढ़िए। इसके बाद, पेज 28 पर दिया लेख दिखाइए।] यह लेख इस बात पर ज़ोर देता है कि कोई भी फैसला लेने से पहले उसके नतीजों के बारे में सोचना, परमेश्वर से मिलनेवाली बुद्धि के मुताबिक काम करना है।”
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“आप क्या सोचते हैं, क्या बढ़ते तापमान की समस्या का कोई हल है? [जवाब के लिए रुकिए। घर-मालिक से पूछिए कि क्या आप उसे एक आयत पढ़कर सुना सकते हैं, जिसमें पृथ्वी के भविष्य के बारे में बताया गया है। अगर घर-मालिक ‘हाँ’ कहता है, तो यशायाह 11:9 पढ़िए।] यह पत्रिका समझाती है कि हम इस बात का कैसे यकीन रख सकते हैं कि इसी धरती पर हमेशा इंसानों का बसेरा होगा।”
प्रहरीदुर्ग जन.-मार्च
“बहुत-से लोगों को यह मानना मुश्किल लगता है कि एक प्यार करनेवाला परमेश्वर भला लोगों को नरक की आग में हमेशा के लिए कैसे तड़पा सकता है। इस बारे में आपकी क्या राय है? [जवाब के लिए रुकिए।] पवित्र शास्त्र सिखाता है कि परमेश्वर ज़ालिम नहीं है और ना ही उसमें बदला लेने की भावना है। [अगर आपको लगता है कि घर-मालिक को आपकी बातों में दिलचस्पी है, तो यहेजकेल 18:23 पढ़िए।] इस पत्रिका में शास्त्र से जो दलीलें दी गयी हैं, उनकी मदद से आपको इस विषय के बारे में और भी अच्छी समझ मिलेगी।”
सजग होइए! जन.-मार्च
“लोगों का मानना है कि ज़िंदगी में कामयाब होने के लिए दौलत, शोहरत या अधिकार का होना ज़रूरी है। आप इस बारे में क्या कहते हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] गौर कीजिए कि सच्ची कामयाबी के बारे में पवित्र शास्त्र क्या कहता है। [अगर आपको लगता है कि घर-मालिक को आपकी बातों में दिलचस्पी है, तो भजन 1:1-3 पढ़िए। फिर पेज 6 पर दिया लेख दिखाइए।] यह लेख बताता है कि सच्ची कामयाबी पाने के छः गुर क्या हैं।”